10-06-2022 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन
“मीठे बच्चे - सदा इसी नशे
में रहो कि ज्ञान सागर बाप की ज्ञान वर्षा हमारे ऊपर हो रही है, जिससे हम पावन बन
अपने बड़े घर में जायेंगे''
प्रश्नः-
तुम बच्चों का
निश्चय किस आधार से और भी पक्का होता जायेगा?
उत्तर:-
दुनिया में जितने हंगामें बढ़ेंगे, तुम्हारे दैवी झाड़ की वृद्धि होगी, उतना पुरानी
दुनिया से दिल हटती जायेगी और तुम्हारा निश्चय पक्का होता जायेगा। विहंग मार्ग की
सर्विस होती जायेगी, धारणा पर अटेन्शन देते जायेंगे तो बुद्धि का हौंसला बढ़ता
जायेगा। अपार खुशी में रहेंगे।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) कर्मभोग से छूटने के लिए एक बाप की याद में रहना है। देहधारी की याद
से टाइम वेस्ट नहीं करना है। बुद्धि की लाइन बहुत क्लीयर रखनी है।
2) भोजन बहुत शुद्ध खाना है। जैसा अन्न वैसा मन इसलिए किसी भी मलेच्छ के हाथ का
भोजन नहीं खाना है। बुद्धि को स्वच्छ बनाना है।
वरदान:-
रूहानी सम्पेथी द्वारा सर्व को सन्तुष्ट करने वाले सदा
सम्पत्तिवान भव
आज के विश्व में सम्पत्ति
वाले तो बहुत हैं लेकिन सबसे बड़े से बड़ी आवश्यक सम्पत्ति है सम्पेथी। चाहे गरीब
हो, चाहे धनवान हो लेकिन आज सिम्पेथी नहीं है। आपके पास सिम्पेथी की सम्पत्ति है
इसलिए किसी को और भले कुछ भी नहीं दो लेकिन सिम्पेथी से सबको सन्तुष्ट कर सकते हो।
आपकी सिम्पेथी ईश्वरीय परिवार के नाते से है, इस रूहानी सिम्पेथी से तन मन और धन की
पूर्ति कर सकते हो।
स्लोगन:-
हर
कार्य में साहस को साथी बना लो तो सफलता अवश्य मिलेगी।