19-06-2022 प्रात:मुरली ओम् शान्ति 06.04.91 "बापदादा" मधुबन
“कर्मातीत स्थिति की
निशानियां''
वरदान:-
अच्छे संकल्प
रूपी बीज द्वारा अच्छा फल प्राप्त करने वाले सिद्धि स्वरूप आत्मा भव
सिद्धि स्वरूप आत्माओं
के हर संकल्प अपने प्रति वा दूसरों के प्रति सिद्ध होने वाले होते हैं। उन्हें हर
कर्म में सिद्धि प्राप्त होती है। वे जो बोल बोलते हैं वह सिद्ध हो जाते हैं इसलिए
सत वचन कहा जाता है। सिद्धि स्वरूप आत्माओं का हर संकल्प, बोल और कर्म सिद्धि
प्राप्त होने वाला होता है, व्यर्थ नहीं। यदि संकल्प रूपी बीज बहुत अच्छा है लेकिन
फल अच्छा नहीं निकलता तो दृढ़ धारणा की धरनी ठीक नहीं है या अटेन्शन की परहेज में
कमी है।
स्लोगन:-
दु:ख की लहर से मुक्त होना है तो कर्मयोगी बनकर हर कर्म करो।
सूचनाः- आज मास का
तीसरा रविवार है, सभी राजयोगी तपस्वी भाई बहिनें सायं 6.30 से 7.30 बजे तक, विशेष
योग अभ्यास के समय अपने आकारी फरिश्ते स्वरूप में स्थित हो, विश्व परिक्रमा करते
हुए प्रकृति सहित सर्व आत्माओं को लाइट माइट देने की सेवा करें।