03-08-2025     प्रात:मुरली  ओम् शान्ति 28.03.2006 "बापदादा"    मधुबन


विश्व की आत्माओं को दु:खों से छुड़ाने के लिए मन्सा सेवा को बढ़ाओ, सम्पन्न और सम्पूर्ण बनो


वरदान:-
सच्चे साफ दिल के आधार से नम्बरवन लेने वाले दिलाराम पसन्द भव

दिलाराम बाप को सच्ची दिल वाले बच्चे ही पसन्द है। दुनिया का दिमाग न भी हो लेकिन सच्ची साफ दिल हो तो नम्बरवन ले लेंगे क्योंकि दिमाग तो बाप इतना बड़ा दे देता है जिससे रचयिता को जानने से रचना के आदि, मध्य, अन्त की नॉलेज को जान लेते हो। तो सच्ची साफ दिल के आधार से ही नम्बर बनते हैं, सेवा के आधार से नहीं। सच्चे दिल की सेवा का प्रभाव दिल तक पहुंचता है। दिमाग वाले नाम कमाते हैं और दिल वाले दुआयें कमाते हैं।

स्लोगन:-
सर्व के प्रति शुभ चिंतन और शुभ कामना रखना ही सच्चा परोपकार है।

अव्यक्त इशारे - सहजयोगी बनना है तो परमात्म प्यार के अनुभवी बनो

जो बच्चे परमात्म प्यार में सदा लवलीन, खोये हुए रहते हैं उनकी झलक और फ़लक, अनुभूति की किरणें इतनी शक्तिशाली होती हैं जो कोई भी समस्या समीप आना तो दूर लेकिन आंख उठाकर भी नहीं देख सकती। उन्हें कभी भी किसी भी प्रकार की मेहनत हो नहीं सकती।