05-10-2025 प्रात:मुरली ओम् शान्ति 03.03.2007 "बापदादा" मधुबन
परमात्म संग में,
ज्ञान का गुलाल, गुण और शक्तियों का रंग लगाना ही सच्ची होली मनाना है
वरदान:-
लव और लवलीन
स्थिति के अनुभव द्वारा सब कुछ भूलने वाले सदा देही अभिमानी भव
कर्म में, वाणी में,
सम्पर्क में व सम्बन्ध में लव और स्मृति व स्थिति में लवलीन रहो तो सब कुछ भूलकर
देही-अभिमानी बन जायेंगे। लव ही बाप के समीप सम्बन्ध में लाता है, सर्वस्व त्यागी
बनाता है। इस लव की विशेषता से वा लवलीन स्थिति में रहने से ही सर्व आत्माओं के
भाग्य व लक्क को जगा सकते हो। यह लव ही लक्क के लॉक की चाबी है। यह मास्टर-की है।
इससे कैसी भी दुर्भाग्यशाली आत्मा को भाग्यशाली बना सकते हो।
स्लोगन:-
स्वयं के परिवर्तन की घड़ी निश्चित करो तो विश्व परिवर्तन स्वत:हो जायेगा।
अव्यक्तइशारे- स्वयं
और सर्व के प्रति मन्सा द्वारा योग की शक्तियों का प्रयोग करो
मन्सा शक्ति का दर्पण
है - बोल और कर्म। चाहे अज्ञानी आत्मायें, चाहे ज्ञानी आत्मायें - दोनों के
सम्बन्ध-सम्पर्क में बोल और कर्म शुभ-भावना, शुभ-कामना वाले हों। जिसकी मन्सा
शक्तिशाली वा शुभ होगी उसकी वाचा और कर्मणा स्वत: ही शक्तिशाली शुद्ध होगी,
शुभ-भावना वाली होगी। मन्सा शक्तिशाली अर्थात् याद की शक्ति श्रेष्ठ होगी, शक्तिशाली
होगी, सहज-योगी होंगे।