15-06-2025     प्रात:मुरली  ओम् शान्ति 30.11.2005 "बापदादा"    मधुबन


समय की समीपता प्रमाण स्वयं को हद के बन्धनों से मुक्त कर सम्पन्न और समान बनो


वरदान:-
सदा श्रेष्ठ और नये प्रकार की सेवा द्वारा वृद्धि करने वाले सहज सेवाधारी भव

संकल्पों द्वारा ईश्वरीय सेवा करना यह भी सेवा का श्रेष्ठ और नया तरीका है, जैसे जवाहरी रोज सुबह अपने हर रतन को चेक करता है कि साफ हैं, चमक ठीक है, ठीक जगह पर रखें हैं..ऐसे रोज़ अमृतवेले अपने सम्पर्क में आने वाली आत्माओं पर संकल्प द्वारा नज़र दौड़ाओ, जितना आप उन्हों को संकल्प से याद करेंगे उतना वह संकल्प उन्हों के पास पहुंचेंगा..इस प्रकार सेवा का नया तरीका अपनाते वृद्धि करते चलो। आपके सहजयोग की सूक्ष्म शक्ति आत्माओं को आपके तरफ स्वत:आकर्षित करेगी।

स्लोगन:-
बहानेबाजी को मर्ज करो और बेहद की वैराग्यवृत्ति को इमर्ज करो।

अव्यक्त इशारे-आत्मिक स्थिति में रहने का अभ्यास करो, अन्तर्मुखी बनो

ज्ञान के मनन के साथ शुभ भावना, शुभ कामना के संकल्प, सकाश देने का अभ्यास, यह मन के मौन का या ट्रैफिक कन्ट्रोल का बीच-बीच में दिन मुकरर करो। जितना अन्तर्मुखता के कमरे में बैठ रिसर्च करेंगे उतना अच्छे से अच्छी टचिंग होंगी और उसी टचिंग से अनेक आत्माओं को लाभ मिलेगा।

सूचनाः- आज अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस तीसरा रविवार है, सायं 6.30 से 7.30 बजे तक सभी भाई बहिनें संगठित रूप में एकत्रित हो योग अभ्यास में अनुभव करें कि मैं भ्रकुटी आसन पर विराजमान परमात्म शक्तियों से सम्पन्न सर्वश्रेष्ठ राजयोगी आत्मा कर्मेन्द्रिय जीत, विकर्माजीत हूँ। सारा दिन इसी स्वमान में रहें कि सारे कल्प में हीरो पार्ट बजाने वाली मैं सर्वश्रेष्ठ महान आत्मा हूँ।