17-05-2025 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन
“मीठे बच्चे - अपने आपको
देखो मैं फूल बना हूँ, देह-अहंकार में आकर कांटा तो नहीं बनता हूँ? बाप आया है
तुम्हें कांटे से फूल बनाने''
प्रश्नः-
किस निश्चय के
आधार पर बाप से अटूट प्यार रह सकता है?
उत्तर:-
पहले अपने को
आत्मा निश्चय करो तो बाप से प्यार रहेगा। यह भी अटूट निश्चय चाहिए कि निराकार बाप
इस भागीरथ पर विराजमान है। वह हमें इनके द्वारा पढ़ा रहे हैं। जब यह निश्चय टूटता
है तो प्यार कम हो जाता है।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) सवेरे अमृतवेले
उठकर बाप से मीठी-मीठी बातें करनी है। अशरीरी बनने का अभ्यास करना है। ध्यान रहे -
बाप की याद के सिवाए दूसरा कुछ भी याद न आये।
2) अपनी दृष्टि
बहुत शुद्ध पवित्र बनानी है। दैवी फूलों का बगीचा तैयार हो रहा है इसलिए फूल बनने
का पूरा पुरुषार्थ करना है। कांटा नहीं बनना है।
वरदान:-
अपनी पावरफुल
स्थिति द्वारा मन्सा सेवा का सर्टीफिकेट प्राप्त करने वाले स्व अभ्यासी भव
विश्व को लाइट और माइट का
वरदान देने के लिए अमृतवेले याद के स्व अभ्यास द्वारा पावरफुल वायुमण्डल बनाओ तब
मन्सा सेवा का सर्टीफिकेट प्राप्त होगा। लास्ट समय में मन्सा द्वारा ही नज़र से
निहाल करने की, अपनी वृत्ति द्वारा उनकी वृत्तियों को बदलने की सेवा करनी है। अपनी
श्रेष्ठ स्मृति से सबको समर्थ बनाना है। जब ऐसा लाइट माइट देने का अभ्यास होगा तब
निर्विघ्न वायुमण्डल बनेगा और यह किला मजबूत होगा।
स्लोगन:-
समझदार
वह हैं जो मनसा-वाचा-कर्मणा तीनों सेवायें साथ-साथ करते हैं।
अव्यक्त इशारे -
रूहानी रॉयल्टी और प्युरिटी की पर्सनैलिटी धारण करो
जो चैलेन्ज करते
हो - सेकण्ड में मुक्ति-जीवनमुक्ति का वर्सा प्राप्त करो, उसको प्रैक्टिकल में लाने
के लिए स्व-परिवर्तन की गति सेकण्ड तक पंहुची है? स्व-परिवर्तन द्वारा औरों को
परिवर्तन करना। अनुभव कराओ कि ब्रह्माकुमार अर्थात् वृत्ति, दृष्टि, कृति और वाणी
परिवर्तन। साथ-साथ प्युरिटी की पर्सनैलिटी, रूहानी रॉयल्टी का अनुभव कराओ। आते ही,
मिलते ही इस पर्सनैलिटी की ओर आकर्षित हो।