17-09-2025        प्रात:मुरली    ओम् शान्ति     "बापदादा"        मधुबन


“मीठे बच्चे - याद से सतोप्रधान बनने के साथ-साथ पढ़ाई से कमाई जमा करनी है, पढ़ाई के समय बुद्धि इधर-उधर न भागे''

प्रश्नः-
तुम डबल अहिंसक, अननोन वारियर्स की कौन-सी विजय निश्चित है और क्यों?

उत्तर:-
तुम बच्चे जो माया पर जीत पाने का पुरुषार्थ कर रहे हो, तुम्हारा लक्ष्य है कि हम रावण से अपना राज्य लेकर ही छोड़ेंगे....... यह भी ड्रामा में युक्ति रची हुई है। तुम्हारी विजय निश्चित है क्योंकि तुम्हारे साथ साक्षात् परमपिता परमात्मा है। तुम योगबल से विजय पाते हो। मनमनाभव के महामंत्र से तुम्हें राजाई मिलती है। तुम आधाकल्प राज्य करेंगे।

गीत:-
मुखड़ा देख ले प्राणी........

धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) इस समय पूरा-पूरा मरजीवा बनना है। पढ़ाई अच्छी तरह पढ़नी है, अपना चार्ट वा रजिस्टर रखना है। याद में रह अपनी कर्मातीत अवस्था बनानी है।

2) अन्तिम विनाश की सीन देखने के लिए हिम्मतवान बनना है। मैं आत्मा हूँ - इस अभ्यास से शरीर का भान टूटता जाए।

वरदान:-
देह भान का त्याग कर निक्रोधी बनने वाले निर्मानचित्त भव

जो बच्चे देह भान का त्याग करते हैं उन्हें कभी भी क्रोध नहीं आ सकता क्योंकि क्रोध आने के दो कारण होते हैं : एक - जब कोई झूठी बात कहता है और दूसरा जब कोई ग्लानी करता है। यही दो बातें क्रोध को जन्म देती हैं। ऐसी परिस्थिति में निर्मानचित्त के वरदान द्वारा अपकारी पर भी उपकार करो, गाली देने वाले को गले लगाओ, निंदा करने वाले को सच्चा मित्र मानो - तब कहेंगे कमाल। जब ऐसा परिवर्तन दिखाओ तब विश्व के आगे प्रसिद्ध होंगे

स्लोगन:-
मौज का अनुभव करने के लिए माया की अधीनता को छोड़ स्वतंत्र बनो।

अव्यक्त इशारे - अब लगन की अग्नि को प्रज्वलित कर योग को ज्वाला रूप बनाओ

अभी ज्वालामुखी बन आसुरी संस्कार, आसुरी स्वभाव सब-कुछ भस्म करो। जैसे देवियों के यादगार में दिखाते हैं कि ज्वाला से असुरों का संघार किया। असुर कोई व्यक्ति नहीं लेकिन आसुरी शक्तियों को खत्म किया। यह अभी आपकी ज्वाला-स्वरूप स्थिति का यादगार है। अब ऐसी योग की ज्वाला प्रज्जवलित करो जिसमें यह कलियुगी संसार जलकर भस्म हो जाये।