18-09-2025 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन
“मीठे बच्चे - जब तुम फूल
बनेंगे, तब यह भारत काँटों के जंगल से सम्पूर्ण फूलों का बगीचा बनेगा, बाबा आया है
तुम्हें फूल बनाने''
प्रश्नः-
मन्दिर लायक
बनने के लिए किन बातों पर विशेष ध्यान देना है?
उत्तर:-
मन्दिर लायक
बनना है तो चलन पर विशेष ध्यान दो - चलन बहुत मीठी और रॉयल होनी चाहिए। इतना मीठापन
हो जो दूसरों को उसकी महसूसता आये। अनेकों को बाप का परिचय दो। अपना कल्याण करने के
लिए अच्छी रीति पुरुषार्थ कर सर्विस पर लगे रहो।
गीत:-
बदल जाए दुनिया
न बदलेंगे हम........
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) रूहानी मिलेट्री बन 5 विकारों पर जीत पानी है, पवित्र जरूर बनना है।
श्रीमत पर भारत को पावन बनाने की सेवा करनी है।
2) इस बेहद नाटक में हर पार्ट आत्म-अभिमानी होकर बजाना है, कभी भी देह-अभिमान
में नहीं आना है। साक्षी होकर हर एक एक्टर का पार्ट देखना है।
वरदान:-
सदा खुशी व
मौज़ की स्थिति में रहने वाले कम्बाइन्ड स्वरूप के अनुभवी भव
बापदादा बच्चों को सदा कहते
हैं बच्चे बाप को हाथ में हाथ देकर चलो, अकेले नहीं चलो। अकेले चलने से कभी बोर हो
जायेंगे, कभी किसकी नज़र भी पड़ जायेगी। बाप के साथ कम्बाइन्ड हूँ - इस स्वरुप का
अनुभव करते रहो तो कभी भी माया की नज़र नहीं पड़ेगी और साथ का अनुभव होने के कारण
खुशी से मौज से खाते, चलते मौज मनाते रहेंगे। धोखा व दु:ख देने वाले सम्बन्धों में
फँसने से भी बच जायेंगे।
स्लोगन:-
योग
रूपी कवच पहन कर रखो तो माया रूपी दुश्मन का वार नहीं लगेगा।
अव्यक्त इशारे -
अब लगन की अग्नि को प्रज्वलित कर योग को ज्वाला रूप बनाओ
जैसे दु:खी आत्माओं
के मन में यह आवाज शुरू हुआ है कि अब विनाश हो, वैसे ही आप विश्व-कल्याणकारी आत्माओं
के मन में यह संकल्प उत्पन्न हो कि अब जल्दी ही सर्व का कल्याण हो तब ही समाप्ति
होगी। विनाशकारियों को कल्याणकारी आत्माओं के संकल्प का इशारा चाहिये इसलिए अपने
एवर-रेडी बनने के पॉवरफुल संकल्प से ज्वाला रूप योग द्वारा विनाश ज्वाला को तेज करो।