24-06-2025 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन
“मातेश्वरी जी के
पुण्य स्मृति दिवस पर प्रात:क्लास में सुनाने के लिए मधुर महावाक्य''
वरदान:-
सदा
अतीन्द्रिय सुख के झूले में झूलने वाले संगमयुग की सर्व अलौकिक प्राप्तियों से
सम्पन्न भव
जो बच्चे अलौकिक
प्राप्तियों से सदा सम्पन्न हैं वो अतीन्द्रिय सुख के झूले में झूलते रहते हैं। जैसे
जो लाडले बच्चे होते हैं उनको झूले में झुलाते हैं। ऐसे सर्व प्राप्ति सम्पन्न
ब्राह्मणों का झूला अतीन्द्रिय सुख का झूला है। इसी झूले में सदा झूलते रहो। कभी भी
देह अभिमान में नहीं आना। जो झूले से उतरकर धरती पर पांव रखते हैं वो मैले हो जाते
हैं। ऊंचे से ऊंचे बाप के स्वच्छ बच्चे सदा अतीन्द्रिय सुख के झूले में झूलते,
मिट्टी में पांव नहीं रख सकते।
स्लोगन:-
“मैं त्यागी हूँ'' इस अभिमान का त्याग ही सच्चा त्याग है।
अव्यक्त इशारे-आत्मिक
स्थिति में रहने का अभ्यास करो, अन्तर्मुखी बनो
जब स्वयं को
अकालमूर्त आत्मा समझेंगे तब अकाले मृत्यु से, अकाल से, सर्व समस्याओं से बच सकेंगे।
मानसिक चिन्तायें, मानसिक परिस्थितियों को हटाने का एक ही साधन है - अपने इस पुराने
शरीर के भान को मिटाना। देह-अभिमान को मिटाने से सर्व परिस्थितियाँ मिट जायेंगी।