28-07-2025 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन
“मीठे बच्चे - सभी को यह
खुशखबरी सुनाओ कि अब फिर से विश्व में शान्ति स्थापन हो रही है, बाप आये हैं एक आदि
सनातन देवी-देवता धर्म स्थापन करने''
प्रश्नः-
तुम बच्चों को
बार-बार याद में रहने का इशारा क्यों दिया जाता है?
उत्तर:-
क्योंकि एवर
हेल्दी और सदा पावन बनने के लिए है ही याद इसलिए जब भी टाइम मिले याद में रहो।
सवेरे-सवेरे स्नान आदि कर फिर एकान्त में चक्र लगाओ या बैठ जाओ। यहाँ तो कमाई ही
कमाई है। याद से ही विश्व के मालिक बन जायेंगे।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) हम विश्व में शान्ति स्थापन करने के निमित्त ब्राह्मण हैं, हमें
बहुत-बहुत शान्तचित रहना है, बातचीत बहुत आहिस्ते वा रॉयल्टी से करनी है।
2) अलबेलापन छोड़ याद की मेहनत करनी है। कभी भी होपलेस नहीं बनना है।
वरदान:-
पेपर में
घबराने के बजाए फुल स्टॉप देकर फुल पास होने वाले सफलतामूर्त भव
जब किसी भी प्रकार का पेपर
आता है तो घबराओ नहीं, क्वेश्चन मार्क में नहीं आओ, यह क्यों आया? इस सोचने में
टाइम वेस्ट मत करो। क्वेचन मार्क खत्म और फुल स्टॉप, तब क्लास चेंज होगा अर्थात्
पेपर में पाप होंगे। फुलस्टाप देने वाला फुल पास होगा क्योंकि फुलस्टॉप है बिन्दी
की स्टेज। देखते हुए न देखो, सुनते हुए न सुनो। बाप का सुनाया हुआ सुनो, बाप ने जो
दिया है वह देखो तो फुल पास हो जायेंगे और पास होने की निशानी - सदा चढ़ती कला का
अनुभव करते हुए सफलता के सितारे बन जायेंगे।
स्लोगन:-
स्वउन्नति करनी है तो क्वेश्चन, करेक्शन और कोटेशन का त्याग कर अपना कनेक्शन ठीक रखो।
अव्यक्त इशारे -
संकल्पों की शक्ति जमा कर श्रेष्ठ सेवा के निमित्त बनो
अन्त समय में अपनी
सेफ्टी के लिए मन्सा शक्ति ही साधन बनेगी। मन्सा शक्ति द्वारा ही स्वयं की अन्त
सुहानी बनाने के निमित्त बन सकेंगे। उस समय मन्सा शक्ति अर्थात् श्रेष्ठ संकल्प
शक्ति, एक के साथ लाइन क्लीयर चाहिए। बेहद की सेवा के लिए, स्वयं की सेफ्टी के लिए
मन्सा शक्ति और निर्भयता की शक्ति जमा करो।