04-08-2024 प्रात:मुरली ओम् शान्ति 18.01.2001 "बापदादा" मधुबन
यथार्थ स्मृति का
प्रमाण - समर्थ स्वरूप बन शक्तियों द्वारा सर्व की पालना करो
वरदान:-
देह-भान से
न्यारे बन परमात्म प्यार का अनुभव करने वाले कमल आसनधारी भव
कमल आसन ब्राह्मण
आत्माओं के श्रेष्ठ स्थिति की निशानी है। ऐसी कमल आसनधारी आत्मायें इस देहभान से
स्वत: न्यारी रहती हैं। उन्हें शरीर का भान अपनी तरफ आकर्षित नहीं करता। जैसे
ब्रह्मा बाप को चलते फिरते फरिश्ता रूप वा देवता रूप सदा स्मृति में रहा। ऐसे
नेचुरल देही-अभिमानी स्थिति सदा रहे इसको कहते हैं देह-भान से न्यारे। ऐसे देह-भान
से न्यारे रहने वाले ही परमात्म प्यारे बन जाते हैं।
स्लोगन:-
आपकी विशेषतायें वा गुण प्रभु प्रसाद हैं, उन्हें मेरा मानना ही देह-अभिमान है।