05-05-2025        प्रात:मुरली    ओम् शान्ति     "बापदादा"        मधुबन


“मीठे बच्चे - सदा इसी नशे में रहो कि हम संगमयुगी ब्राह्मण हैं, हम जानते हैं जिस बाबा को सब पुकार रहे हैं, वह हमारे सम्मुख है''

प्रश्नः-
जिन बच्चों का बुद्धियोग ठीक होगा, उन्हें कौन-सा साक्षात्कार होता रहेगा?

उत्तर:-
सतयुगी नई राजधानी में क्या-क्या होगा, कैसे हम स्कूल में पढ़ेंगे फिर राज्य चलायेंगे। यह सब साक्षात्कार जैसे-जैसे नज़दीक आते जायेंगे, होता रहेगा। परन्तु जिनका बुद्धियोग ठीक है, जो अपने शान्तिधाम और सुखधाम को याद करते हैं, धंधा धोरी करते भी एक बाप की याद में रहते हैं, उन्हें ही यह सब साक्षात्कार होंगे।

गीत:-
ओम नमो शिवाए ............

धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) योग की ऐसी स्थिति बनानी है जो दृष्टि से ही किसी को शान्त कर दें। एकदम सन्नाटा हो जाए। इसके लिए अशरीरी बनने का अभ्यास करना है।

2) ज्ञान के सच्चे नशे में रहने के लिए याद रहे कि हम संगमयुगी हैं, अब यह पुरानी दुनिया बदलने वाली है, हम अपने घर जा रहे हैं। श्रीमत पर सदा चलते रहना है, चूँ चाँ नहीं करनी है।

वरदान:-
परमात्म मिलन द्वारा रूहरिहान का सही रेसपान्स प्राप्त वाले बाप समान बहुरूपी भव

जैसे बाप बहुरूपी है - सेकण्ड में निराकार से आकारी वस्त्र धारण कर लेते हैं, ऐसे आप भी इस मिट्टी की ड्रेस को छोड़ आकारी फरिश्ता ड्रेस, चमकीली ड्रेस पहन लो तो सहज मिलन भी होगा और रुहरिहान का क्लीयर रेसपान्स समझ में आ जायेगा क्योंकि यह ड्रेस पुरानी दुनिया की वृत्ति और वायब्रेशन से, माया के वाटर या फायर से प्रूफ है। इसमें माया इन्टरफिरयर नहीं कर सकती।

स्लोगन:-
दृढ़ता असम्भव से भी सम्भव करा देती है।

अव्यक्त इशारे - रूहानी रॉयल्टी और प्युरिटी की पर्सनैलिटी धारण करो

ब्रह्माकुमार का अर्थ ही है - सदा प्युरिटी की पर्सनैलिटी और रॉयल्टी में रहना। यही प्युरिटी की पर्सनैलिटी विश्व की आत्माओं को अपनी तरफ आकर्षित करेगी, और यही प्युरिटी की रॉयल्टी धर्मराजपुरी में रॉयल्टी देने से छुड़ायेगी। इसी रॉयल्टी के अनुसार भविष्य रॉयल फैमली में आ सकेंगे। जैसे शरीर की पर्सनैलिटी देह-भान में लाती है, ऐसे प्युरिटी की पर्सनैलिटी देही-अभिमानी बनाए बाप के समीप लाती है।