07-09-2025     प्रात:मुरली  ओम् शान्ति 31.12.2006 "बापदादा"    मधुबन


“दृढ़ता और परिवर्तन शक्ति से कारण व समस्या शब्द को विदाई दे निवारण व समाधान स्वरूप बनो''


वरदान:-
मुरलीधर की मुरली से प्रीत रखने वाले सदा शक्तिशाली आत्मा भव

जिन बच्चों का पढ़ाई अर्थात् मुरली से प्यार है उन्हें सदा शक्तिशाली भव का वरदान मिल जाता है, उनके सामने कोई भी विघ्न ठहर नहीं सकता। मुरलीधर से प्रीत रखना माना उनकी मुरली से प्रीत रखना। यदि कोई कहे कि मुरलीधर से तो मेरी बहुत प्रीत है लेकिन पढ़ाई के लिए टाइम नहीं है, तो बाप नहीं मानते क्योंकि जहाँ लगन होती है वहाँ कोई भी बहाना नहीं होता। पढ़ाई और परिवार का प्यार किला बन जाता है, जिससे वो सेफ रहते हैं।

स्लोगन:-
हर परिस्थिति में स्वयं को मोल्ड कर लो तो रीयल गोल्ड बन जायेंगे।

अव्यक्त इशारे - अब लगन की अग्नि को प्रज्वलित कर योग को ज्वाला रूप बनाओ

योग को ज्वाला रूप शक्तिशाली बनाने के लिए योग में बैठते समय समाने की शक्ति यूज़ करो। सेवा के संकल्प भी समा जाएं इतनी शक्ति हो जो स्टॉप कहा और स्टॉप हो जाए। फुल ब्रेक लगे, ढीली ब्रेक नहीं। अगर एक सेकण्ड के बजाए ज्यादा समय लग जाता है तो समाने की शक्ति कमजोर कहेंगे।