08-07-2025        प्रात:मुरली    ओम् शान्ति     "बापदादा"        मधुबन


“मीठे बच्चे - यह तुम्हारा जीवन बहुत-बहुत अमूल्य है, क्योंकि तुम श्रीमत पर विश्व की सेवा करते हो, इस हेल को हेविन बना देते हो''

प्रश्नः-
खुशी गायब होने का कारण तथा उसका निवारण क्या है?

उत्तर:-
खुशी गायब होती है - (1) देह-अभिमान में आने के कारण, (2) दिल में जब कोई शंका पैदा हो जाती है तो भी खुशी गुम हो जाती है इसलिए बाबा राय देते हैं, जब भी कोई शंका उत्पन्न हो तो फौरन बाबा से पूछो। देही-अभिमानी रहने का अभ्यास करो तो सदैव खुश रहेंगे।

धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) स्थूल, सूक्ष्म खिदमत (सेवा) कर अपार खुशी का अनुभव करना और कराना है। चलन और खान-पान में बहुत रॉयल्टी रखनी है।

2) अमरलोक में ऊंच पद पाने के लिए पवित्र बनने के साथ-साथ दैवीगुण भी धारण करने हैं। अपना पोतामेल देखना है कि हम बाबा को कितना याद करते हैं? अविनाशी ज्ञान रत्नों की कमाई जमा कर रहे हैं? कान प्योर बने हैं जिसमें धारणा हो सके?

वरदान:-
सेवा करते हुए याद के अनुभवों की रेस करने वाले सदा लवलीन आत्मा भव

याद में रहते हो लेकिन याद द्वारा जो प्राप्तियां होती हैं, उस प्राप्ति की अनुभूति को आगे बढ़ाते जाओ, इसके लिए अभी विशेष समय और अटेन्शन दो जिससे मालूम पड़े कि यह अनुभवों के सागर में खोई हुई लवलीन आत्मा है। जैसे पवित्रता, शान्ति के वातावरण की भासना आती है वैसे श्रेष्ठ योगी, लगन में मगन रहने वाले हैं - यह अनुभव हो। नॉलेज का प्रभाव है लेकिन योग के सिद्धि स्वरूप का प्रभाव हो। सेवा करते हुए याद के अनुभवों में डूबे हुए रहो, याद की यात्रा के अनुभवों की रेस करो।

स्लोगन:-
सिद्धि को स्वीकार कर लेना अर्थात् भविष्य प्रालब्ध को यहाँ ही समाप्त कर देना।

अव्यक्त इशारे - संकल्पों की शक्ति जमा कर श्रेष्ठ सेवा के निमित्त बनो

जितना-जितना आप बच्चे श्रेष्ठ संकल्प की शक्ति से सम्पन्न बनते जायेंगे उतना श्रेष्ठ संकल्प की शक्तिशाली सेवा का स्वरूप स्पष्ट दिखाई देगा। हर एक अनुभव करेंगे कि हमें कोई बुला रहा है, कोई दिव्य बुद्धि द्वारा, शुभ संकल्प का बुलावा हो रहा है। कोई फिर दिव्य दृष्टि द्वारा बाप और स्थान को देखेंगे। दोनों प्रकार के अनुभवों द्वारा बहुत तीव्रगति से अपने श्रेष्ठ ठिकाने पर पहुँच जायेंगे।