11-05-2025 प्रात:मुरली ओम् शान्ति 07.03.2005 "बापदादा" मधुबन
“सम्पूर्ण पवित्रता
का व्रत रखना और मैं पन को समर्पित करना ही शिवजयन्ती मनाना है''
वरदान:-
सर्व खजानों
की इकॉनामी का बजट बनाने वाले महीन पुरुषार्थी भव
जैसे लौकिक रीति में
यदि इकॉनामी वाला घर न हो तो ठीक रीति से नहीं चल सकता। ऐसे यदि निमित्त बने हुए
बच्चे इकॉनामी वाले नहीं हैं तो सेन्टर ठीक नहीं चलता। वह हुई हद की प्रवृत्ति, यह
है बेहद की प्रवृत्ति। तो चेक करना चाहिए कि संकल्प, बोल और शक्तियों में क्या-क्या
एक्स्ट्रा खर्च किया? जो सर्व खजानों की इकॉनामी का बजट बनाकर उसी अनुसार चलते हैं
उन्हें ही महीन पुरुषार्थी कहा जाता है। उनके संकल्प, बोल, कर्म व ज्ञान की शक्तियां
कुछ भी व्यर्थ नहीं जा सकती।
स्लोगन:-
स्नेह के खजाने से मालामाल बन सबको स्नेह दो और स्नेह लो।
अव्यक्त इशारे -
रूहानी रॉयल्टी और प्युरिटी की पर्सनैलिटी धारण करो
पवित्रता की शक्ति
परमपूज्य बनाती है। पवित्रता की शक्ति से इस पतित दुनिया को परिवर्तन करते हो।
पवित्रता की शक्ति विकारों की अग्नि में जलती हुई आत्माओं को शीतल बना देती है।
आत्मा को अनेक जन्मों के विकर्मों के बन्धन से छुड़ा देती है। पवित्रता के आधार पर
द्वापर से यह सृष्टि कुछ न कुछ थमी हुई है। इसके महत्व को जानकर पवित्रता के लाइट
का क्राउन धारण कर लो।