14-05-2025        प्रात:मुरली    ओम् शान्ति     "बापदादा"        मधुबन


“मीठे बच्चे - अभी तुम संगम पर हो, तुम्हें पुरानी दुनिया से तैलुक (नाता) तोड़ देना है क्योंकि यह पुरानी दुनिया अब खत्म होनी है''

प्रश्नः-
संगम की कौन-सी विशेषता सारे कल्प से न्यारी है?

उत्तर:-
संगम की ही विशेषता है - पढ़ते यहाँ हो, प्रालब्ध भविष्य में पाते हो। सारे कल्प में ऐसी पढ़ाई नहीं पढ़ाई जाती जिसकी प्रालब्ध दूसरे जन्म में मिले। अभी तुम बच्चे मृत्युलोक में पढ़ रहे हो अमरलोक के लिए। और कोई दूसरे जन्म के लिए पढ़ता नहीं।

गीत:-
दूर देश का रहने वाला........

धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) झरमुई झगमुई में अपना टाइम वेस्ट नहीं करना है। माया कोई भी उल्टा काम न कराये, यह ध्यान रखना है। संग-दोष में आकर कभी लूज़ नहीं होना है। देह-अभिमान में आकर किसी के नाम-रूप में नहीं फँसना है।

2) घर की याद के साथ-साथ बाप को भी याद करना है। याद के चार्ट की डायरी बनानी है। नोट करना है - हमने सारे दिन में क्या-क्या किया? कितना समय बाप की याद में रहे?

वरदान:-
नम्रता रूपी कवच द्वारा व्यर्थ के रावण को जलाने वाले सच्चे स्नेही, सहयोगी भव

कोई कितना भी आपके संगठन में कमी ढूंढने की कोशिश करे लेकिन जरा भी संस्कार-स्वभाव का टक्कर दिखाई न दे। अगर कोई गाली भी दे, इनसल्ट भी करे, आप सेन्ट बन जाओ। अगर कोई रांग भी करता तो आप राइट रहो। कोई टक्कर लेता है तो भी आप उसे स्नेह का पानी दो। यह क्यों, ऐसा क्यों-यह संकल्प करके आग पर तेल नहीं डालो। नम्रता का कवच पहनकर रहो। जहाँ नम्रता होगी वहाँ स्नेह और सहयोग भी अवश्य होगा।

स्लोगन:-
मेरेपन की अनेक हद की भावनायें एक “मेरे बाबा'' में समा दो।


अव्यक्त इशारे - रूहानी रॉयल्टी और प्युरिटी की पर्सनैलिटी धारण करो

रूहानी रॉयल्टी का फाउण्डेशन सम्पूर्ण पवित्रता है। तो अपने से पूछो कि रूहानी रॉयल्टी की झलक और फलक आपके रूप वा चरित्र से हर एक को अनुभव होती है? नॉलेज के दर्पण में अपने को देखो कि मेरे चेहरे पर, चलन में वह रूहानी रॉयल्टी दिखाई देती है या साधारण चलन और चेहरा दिखाई देता है?