15-05-2025 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन
“मीठे बच्चे - अपना स्वभाव
बाप समान इज़ी बनाओ, तुम्हारे में कोई घमण्ड नहीं होना चाहिए, ज्ञानयुक्त बुद्धि
हो, अभिमान न हो''
प्रश्नः-
सर्विस करते
हुए भी कई बच्चे बेबी से भी बेबी हैं - कैसे?
उत्तर:-
कई बच्चे
सर्विस करते रहते हैं, दूसरों को ज्ञान सुनाते रहते हैं लेकिन बाप को याद नहीं करते।
कहते हैं बाबा याद भूल जाती है। तो बाबा उन्हें बेबी से भी बेबी कहता क्योंकि बच्चे
कभी बाप को भूलते नहीं, तुम्हें जो बाप प्रिन्स-प्रिन्सेज़ बनाता, उसे तुम भूल क्यों
जाते? अगर भूलेंगे तो वर्सा कैसे मिलेगा। तुम्हें हाथों से काम करते भी बाप को याद
करना है।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) एम ऑब्जेक्ट को
सामने रख खुशी में रहना है। कभी दिलहोल (दिलशिकस्त) नहीं बनना है - यह ख्याल कभी न
आये कि सब थोड़ेही राजा बनेंगे। पुरुषार्थ कर ऊंच पद पाना है।
2) मोस्ट बील्वेड
बाप को बड़े प्यार से याद करना है, इसमें बेबी नहीं बनना है। याद के लिए सवेरे का
टाइम अच्छा है। आराम से शान्ति में बैठ याद करो।
वरदान:-
यज्ञ सेवा
द्वारा सर्व प्राप्तियों का प्रसाद प्राप्त करने वाले आलराउन्ड सेवाधारी भव
संगमयुग पर आलराउन्ड सेवा
का चांस मिलना - यह भी ड्रामा में एक लिफ्ट है, जो प्यार से यज्ञ की आलराउन्ड सेवा
करते हैं उन्हें सर्व प्राप्तियों का प्रसाद स्वत:प्राप्त हो जाता है। वे निर्विघ्न
रहते हैं। एक बारी सेवा की और हजार बार सेवा का फल प्राप्त हो गया। सदा स्थूल
सूक्ष्म लंगर लगा रहे। किसी को भी सन्तुष्ट करना - यह सबसे बड़ी सेवा है। मेहमान
निवाजी करना, यह सबसे बड़ा भाग्य है।
स्लोगन:-
स्वमान
में स्थित रहो तो अनेक प्रकार के अभिमान स्वत:समाप्त हो जायेंगे।
अव्यक्त इशारे -
रूहानी रॉयल्टी और प्युरिटी की पर्सनैलिटी धारण करो
जैसे दुनिया की
रॉयल आत्मायें कभी छोटी-छोटी बातों में, छोटी चीज़ों में अपनी बुद्धि वा समय नहीं
देती, देखते भी नहीं देखती, सुनते भी नहीं सुनती, ऐसे आप रूहानी रॉयल आत्मायें किसी
भी आत्मा की छोटी-छोटी बातों में, जो रॉयल नहीं हैं उनमें अपनी बुद्धि वा समय नहीं
दे सकते। रूहानी रॉयल आत्माओं के मुख से कभी व्यर्थ वा साधारण बोल भी नहीं निकल सकते।