18-05-2025     प्रात:मुरली  ओम् शान्ति 25.03.2005 "बापदादा"    मधुबन


“मास्टर ज्ञान सूर्य बन अनुभूति की किरणें फैलाओ, विधाता बनो, तपस्वी बनो''


वरदान:-
नॉलेजफुल स्थिति द्वारा परिस्थितियों को पार करने वाले अंगद समान अचल-अडोल भव

रावण राज्य की कोई भी परिस्थिति व व्यक्ति जरा भी संकल्प रूप में भी हिला न सके। ऐसे अचल-अडोल भव के वरदानी बनो। क्योंकि कोई भी विघ्न गिराने के लिए नहीं, मजबूत बनाने के लिए आता है। नालेजफुल कभी पेपर को देखकर कनफ्यूज नहीं होते। माया किसी भी रूप में आ सकती है - लेकिन आप योगाग्नि जगाकर रखो, नालेजफुल स्थिति में रहो तो सब विघ्न स्वत: समाप्त हो जायेंगे और आप अचल अडोल स्थिति में स्थित रहेंगे।

स्लोगन:-
शुद्ध संकल्प का खजाना जमा हो तो व्यर्थ संकल्पों में समय नहीं जायेगा।

अव्यक्त इशारे - रूहानी रॉयल्टी और प्युरिटी की पर्सनैलिटी धारण करो

प्युरिटी की पर्सनौलिटी के आधार पर ब्रह्मा बाप आदि देव वा पहला प्रिन्स बनें। ऐसे आप भी फालो फादर कर वन नम्बर की पर्सनैलिटी की लिस्ट में आ जाओ क्योंकि ब्राह्मण जन्म के संस्कार ही पवित्र हैं। आपकी श्रेष्ठता वा महानता ही पवित्रता है।