20-09-2025 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन
“मीठे बच्चे - बाप आये हैं
तुम पुराने भक्तों को भक्ति का फल देने। भक्ति का फल है ज्ञान, जिससे ही तुम्हारी
सद्गति होती है''
प्रश्नः-
कई बच्चे
चलते-चलते तकदीर को आपेही शूट करते हैं कैसे?
उत्तर:-
अगर बाप का
बनकर सर्विस नहीं करते, अपने पर और दूसरों पर रहम नहीं करते तो वह अपनी तकदीर को
शूट करते हैं अर्थात् पद भ्रष्ट हो जाते हैं। अच्छी रीति पढ़ें, योग में रहें तो पद
भी अच्छा मिले। सर्विसएबुल बच्चों को तो सर्विस का बहुत शौक होना चाहिए।
गीत:-
कौन आया
सवेरे-सवेरे........
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) इस अमूल्य जीवन में पढ़ाने वाले टीचर का बहुत बहुत रिगार्ड रखना है,
पढ़ाई में अच्छा होशियार बन सर्विस में लगना है। अपने ऊपर आपेही रहम करना है।
2) अपने आपको सुधारने के लिए सिविलाइज्ड बनना है। अपने कैरेक्टर सुधारने हैं।
मनुष्यों को देवता बनाने की सेवा करनी है।
वरदान:-
रूहानी ड्रिल
के अभ्यास द्वारा फाइनल पेपर में पास होने वाले सदा शक्तिशाली भव
जैसे वर्तमान समय के
प्रमाण शरीर के लिए सर्व बीमारियों का इलाज एक्सरसाइज सिखाते हैं। ऐसे आत्मा को सदा
शक्तिशाली बनाने के लिए रूहानी एक्सरसाइज का अभ्यास चाहिए। चारों ओर कितना भी हलचल
का वातावरण हो लेकिन आवाज में रहते आवाज से परे स्थिति का अभ्यास करो। मन को जहाँ
और जितना समय स्थित करने चाहो उतना समय वहाँ स्थित कर लो - तब शक्तिशाली बन फाइनल
पेपर में पास हो सकेंगे।
स्लोगन:-
अपने
विकारी स्वभाव-संस्कार व कर्म को समर्पण कर देना ही समर्पित होना है।
अव्यक्त इशारे -
अब लगन की अग्नि को प्रज्वलित कर योग को ज्वाला रूप बनाओ
जब तक आपकी याद
ज्वाला रूप नहीं बनी है तब तक यह विनाश की ज्वाला भी सम्पूर्ण ज्वाला रूप नहीं लेती
है। यह भड़कती है, फिर शीतल हो जाती है क्योंकि ज्वाला मूर्त और प्रेरक आधार-मूर्त
आत्मायें अभी स्वयं ही सदा ज्वाला रूप नहीं बनी हैं। अब ज्वाला-रूप बनने का दृढ़
संकल्प लो और संगठित रूप में मन-बुद्धि की एकाग्रता द्वारा पावरफुल योग के
वायब्रेशन चारों ओर फैलाओ।