21-09-2025 प्रात:मुरली ओम् शान्ति 02.02.2007 "बापदादा" मधुबन
परमात्म प्राप्तियों
से सम्पन्न आत्मा की निशानी - होलीएस्ट, हाइएस्ट और रिचेस्ट
वरदान:-
स्वीट
साइलेन्स की लवलीन स्थिति द्वारा नष्टोमोहा समर्थ स्वरूप भव
देह, देह के सम्बन्ध,
देह के संस्कार, व्यक्ति या वैभव, वायुमण्डल, वायब्रेशन सब होते हुए भी अपनी ओर
आकर्षित न करें। लोग चिल्लाते रहें और आप अचल रहो। प्रकृति, माया सब लास्ट दांव
लगाने के लिए अपनी तरफ कितना भी खीचें लेकिन आप न्यारे और बाप के प्यारे बनने की
स्थिति में लवलीन रहो - इसको कहा जाता है देखते हुए न देखो, सुनते हुए न सुनो। यही
स्वीट साइलेन्स स्वरूप की लवलीन स्थिति है, जब ऐसी स्थिति बनेंगी तब कहेंगे
नष्टोमोष्टा समर्थ स्वरूप की वरदानी आत्मा।
स्लोगन:-
होली हंस बन अवगुण रूपी कंकड़ को छोड़ अच्छाई रूपी मोती चुगते चलो।
अव्यक्त इशारे - अब
लगन की अग्नि को प्रज्वलित कर योग को ज्वाला रूप बनाओ
ज्वाला-रूप बनने के
लिए यही धुन सदा रहे कि अब वापिस घर जाना है। जाना है अर्थात् उपराम। जब अपने
निराकारी घर जाना है तो वैसा अपना वेष बनाना है। तो जाना है और सबको वापस ले जाना
है - इस स्मृति से स्वत: ही सर्व-सम्बन्ध, सर्व प्रकृति के आकर्षण से उपराम अर्थात्
साक्षी बन जायेंगे। साक्षी बनने से सहज ही बाप के साथी व बाप-समान बन जायेंगे।
सूचनाः- आज मास का
तीसरा रविवार है, सभी राजयोगी तपस्वी भाई बहिनें सायं 6.30 से 7.30 बजे तक, विशेष
योग अभ्यास के समय अपने आकारी फरिश्ते स्वरूप में स्थित हो, भक्तों की पुकार सुनें
और उपकार करें। मास्टर दयालु, कृपालु बन सभी पर रहम की दृष्टि डालें। मुक्ति
जीवनमुक्ति का वरदान दें।