24-09-2025        प्रात:मुरली    ओम् शान्ति     "बापदादा"        मधुबन


'“मीठे बच्चे - बाप आये हैं तुम्हारी बैटरी चार्ज करने, जितना तुम याद में रहेंगे उतना बैटरी चार्ज होती रहेगी''

प्रश्नः-
तुम्हारी सच की बेड़ी (नांव) को तूफान क्यों लगते हैं?

उत्तर:-
क्योंकि इस समय आर्टीफीशियल बहुत निकल पड़े हैं। कोई अपने को भगवान कहते, कोई रिद्धि-सिद्धि दिखाते, इसलिए मनुष्य सच को परख नहीं सकते। सच की बेड़ी को हिलाने की कोशिश करते हैं। परन्तु तुम जानते हो कि हमारी सच की नांव कभी डूब नहीं सकती। आज जो विघ्न डालते हैं, वह कल समझेंगे कि सद्गति का रास्ता यहाँ ही मिलना है। सबके लिए यह एक ही हट्टी है।

धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) सर्व गुणों से अपना श्रृंगार करना है, कभी किसी को दु:ख नहीं देना है। सबको सुख का रास्ता बताना है।

2) सारी दुनिया कब्रिस्तान हुई पड़ी है इसलिए इससे दिल नहीं लगानी है। स्मृति रहे कि अभी हम ट्रांसफर हो रहे हैं, हमें तो नई दुनिया में जाना है।

वरदान:-
माया वा विघ्नों से सेफ रहने वाले बापदादा की छत्रछाया के अधिकारी भव

जो बापदादा के सिकीलधे लाडले हैं उन्हें बापदादा की छत्रछाया अधिकार रूप में प्राप्त होती है। जिस छत्रछाया में माया के आने की ताकत नहीं। वह सदा माया पर विजयी बन जाते हैं। यह याद रूपी छत्रछाया सर्व विघ्नों से सेफ कर देती है। किसी भी प्रकार का विघ्न छत्रछाया में रहने वाले के पास आ नहीं सकता। छत्रछाया में रहने वालों के लिए मुश्किल से मुश्किल बात भी सहज हो जाती है। पहाड़ समान बातें रूई के समान अनुभव होती हैं।

स्लोगन:-
प्रभू प्रिय, लोक प्रिय और स्वयं प्रिय बनने के लिए सन्तुष्टता का गुण धारण करो।

अव्यक्त इशारे - अब लगन की अग्नि को प्रज्वलित कर योग को ज्वाला रूप बनाओ

विशेष याद की यात्रा को पॉवरफुल बनाओ, ज्ञान-स्वरूप के अनुभवी बनो। आप श्रेष्ठ आत्माओं की शुभ वृत्ति व कल्याण की वृत्ति और शक्तिशाली वातावरण अनेक तड़पती हुई, भटकती हुई, पुकार करने वाली आत्माओं को आनन्द, शान्ति और शक्ति की अनुभूति करायेगी।