26-10-2025 प्रात:मुरली ओम् शान्ति 15.10.2007 "बापदादा" मधुबन
“संगमयुग की
जीवनमुक्त स्थिति का अनुभव करने के लिए सब बोझ वा बंधन बाप को देकर डबल लाइट बनो''
वरदान:-
ईश्वरीय
मर्यादाओं के आधार पर विश्व के आगे एग्जाम्पल बनने वाले सहजयोगी भव
विश्व के आगे
एग्जाम्पल बनने के लिए अमृतवेले से रात तक जो ईश्वरीय मर्यादायें हैं उसी प्रमाण
चलते रहो। विशेष अमृतवेले के महत्व को जानकर उस समय पावरफुल स्टेज बनाओ तो सारे दिन
की जीवन महान बन जायेगी। जब अमृतवेले विशेष बाप से शक्ति भर लेंगे तो शक्ति स्वरूप
हो चलने से किसी भी कार्य में मुश्किल का अनुभव नहीं होगा और मर्यादा पूर्वक जीवन
बिताने से सहजयोगी की स्टेज भी स्वत: बन जायेगी फिर विश्व आपके जीवन को देखकर अपनी
जीवन बनायेगी।
स्लोगन:-
अपनी चलन और चेहरे से पवित्रता की श्रेष्ठता का अनुभव कराओ।
अव्यक्त इशारे - स्वयं
और सर्व के प्रति मन्सा द्वारा योग की शक्तियों का प्रयोग करो
प्रयोगी आत्मा
संस्कारों के ऊपर, प्रकृति द्वारा आने वाली परिस्थितियों पर और विकारों पर सदा विजयी
होगी। योगी वा प्रयोगी आत्मा के आगे ये पांच विकार रूपी सांप गले की माला अथवा खुशी
में नाचने की स्टेज बन जाते हैं।