31-05-2025 प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा" मधुबन
“मीठे बच्चे - जब तक जीना
है तब तक पढ़ना और पढ़ाना है, खुशी और पद का आधार है पढ़ाई''
प्रश्नः-
सर्विस की
सफलता के लिए मुख्य गुण कौन-सा चाहिए?
उत्तर:-
सहनशीलता का।
हर बात में सहनशील बनकर आपस में संगठन बनाकर सर्विस करो। भाषण आदि के प्रोग्राम
लेकर आओ। मनुष्यों को नींद से जगाने के लिए अनेक प्रबन्ध निकलेंगे। जो तकदीरवान बनने
वाले हैं वह पढ़ाई भी रूची से पढ़ेंगे।
गीत:-
हमें उन राहों
पर चलना है .......
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) समय निकाल एकान्त में अपने आपसे बातें कर अपने को उमंग में लाना है। आपसमान बनाने
की सेवा के साथ-साथ साक्षी होकर हर एक के पार्ट को देखने का अभ्यास करना है।
2) बाप को याद कर
अपने आपको सुधारना है। अपनी दिल से पूछना है कि मैं मैसेन्जर बना हूँ, कितनों को आप
समान बनाता हूँ?
वरदान:-
श्रेष्ठ
पुरुषार्थ द्वारा फाइनल रिजल्ट में फर्स्ट नम्बर लेने वाले उड़ता पंछी भव
फाइनल रिजल्ट में फर्स्ट
नम्बर लेने के लिए :-1- दिल के अविनाशी वैराग्य द्वारा बीती हुई बातों को, संस्कार
रूपी बीज को जला दो। 2-अमृतवेले से रात तक ईश्वरीय नियमों और मर्यादाओं का सदा पालन
करने का व्रत लो और 3-मन्सा द्वारा, वाणी द्वारा या सम्बन्ध सम्पर्क द्वारा निरन्तर
महादानी बन, पुण्य आत्मा बन दान पुण्य करते रहो। जब ऐसा श्रेष्ठ हाई जम्प देने वाला
पुरुषार्थ हो तब उड़ता पंछी बन फाइनल रिजल्ट में नम्बर वन बन सकेंगे।
स्लोगन:-
वृत्ति
द्वारा वायुमण्डल को पावरफुल बनाना यही लास्ट का पुरुषार्थ व सर्विस है।
अव्यक्त इशारे -
रूहानी रॉयल्टी और प्युरिटी की पर्सनैलिटी धारण करो
विशेष आत्माओं वा
महान आत्माओं को देश की वा विश्व की पर्सनैलिटीज़ कहते हैं। पवित्रता की पर्सनैलिटी
अर्थात् हर कर्म में महानता और विशेषता। रूहानी पर्सनैलिटी वाली आत्मायें अपनी
इनर्जी, समय, संकल्प वेस्ट नहीं गँवाते, सफल करते हैं। ऐसी पर्सनैलिटी वाले कभी भी
छोटी-छोटी बातों में अपने मन-बुद्धि को बिज़ी नहीं रखते हैं।